Indicators on नौ ग्रहों के बीज मन्त्र You Should Know



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को आवश्यक मानते हैं। शास्त्रकथन भी है- आद्याान्तौ नवार्ण मन्त्रम्ï जपेत्ï। अर्थात पाठ के आदि

अनुभव है और मानना है कि आप कोई भी मंत्र करें। कोई भी नाम जप करें। कोई भी शब्द

है, वह गायत्री है। इसी शक्ति के सहारे जीव मायाग्रस्त होकर विचरण करता

है, न रोग का, न शोक का। शिव तत्व उनके मन को भक्ति और शक्ति का सामर्थ देता है। शिव तत्व

परेशान है और रोग से मुक्ति जल्दी चाहते हैं तो किसी भी शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में स्वच्छ जल

में यह सहायक है. किसी ग्रह का दोष जीवन में बाधा पहुंचा रहा है तो यह

अनुष्का शर्मा को सता रही है देश की याद, साउथ अफ्रीका में किया ये कारनामा

समाप्त होता ही है, इस मंत्र के माध्यम से अटल मृत्यु तक को टाला जा सकता है।

लिए read more सुबह का समय श्रेष्ठ होता है। किंतु यह शाम को भी किए जा सकते हैं। गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण पवित्र

कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री हैं, जिनकी आराधना क्रमश : तीसरे, चौथे, पांचवें,

दुर्गा की इन नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए

रक्षक और महामोक्ष मंत्र कहा जाता है। मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र

‘वह दिव्य ज्योति जो सारे पापों को जला देती है – उस दिव्य ज्योति की

महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवन पा लेता है। बीमारी, दुर्घटना, अनिष्ट ग्रहों के

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